Municipal elections: People voted overwhelmingly

नगर निगम चुनाव: लोगों ने बढ़चढ़कर किया मतदान 

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Municipal elections: People voted overwhelmingly

सेक्टरों में मतदाताओं का वोटिंग के प्रति रहा कम रुझान

कॉलोनियों व गांव में बड़ी तादाद में लोग वोटिंग के लिए निकले

अर्थ प्रकाश/साजन शर्मा

चंडीगढ़। नगर निगम चुनावों में विभिन्न सैक्टरों में मतदाताओं का वोटिंग के प्रति रुझान ज्यादा दिखाई नहीं दिया। सुबह के चार घंटे तक तो महज 10 प्रतिशत से कुछ ज्यादा वोटिंग ही हो पाई थी। दिन में चूंकि तेज धूप थी लिहाजा 11 बजे के बाद लोग वोटिंग के लिए निकले। दूसरी तरफ कालोनियों में मतदाताओं की लंबी लंबी लाइनें सुबह से ही नजर आई। रायपुर खुर्द में मशीन खराब होने के बाद लंबी कतार लग गई। ईवीएम को तुरंत बदल दिया गया। हल्लो माजरा, सीटीयू वर्कशॉप,कालोनी नंबर चार के साथ बने संपर्क सेंटर में भी पोलिंग बूथ पर जबरदस्त भीड़ उमड़ी।
 

चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में दोपहर एक बजे तक    25.65 प्रतिशत मतदान हुआ। मलोया के पोलिंग बूथ पर धीमे मतदान का आरोप लगाया गया। राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याशियों का कहना है कि धीमे मतदान की वजह से यहां पर लोगों की भारी भीड़ जुटी रही। रिटर्निंग अधिकारी को भी इस मामले की जानकारी दी गई।
 

सांसद ने सेक्टर सात में डाली वोट : सेक्टर सात में चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर ने मतदान किया। पोलिंग बूथ से बाहर आकर उन्होंने अपने मतदान चिन्ह के साथ विक्टरी चिन्ह दिखाया। किरण खेर पिछले डेढ़ वर्षों से कैंसर के रोग से पीडि़त थी और उनका मुंबई में ईलाज चल रहा है। नगर निगम चुनाव में मतदान के लिए बीती शाम को शहर लौटी थी। सेक्टर-18 में महापौर रविकांत शर्मा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद ने जीएमएसएसएस सेक्टर 37 में और भाजपा के वरिष्ठ नेता संजय टंडन ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ जीएसएसएस सेक्टर 18 में वोट डाले।


 

चुनावों में कई वोटरों की जगह दूसरे वोट डाल गए। यानि कई जगह बोगस वोटिंग की सूचना है। गुरमीत सिंह (मकान नंबर 1434 / 12 सेक्टर 29 बी) का कहना है मैंने अपना वोट नहीं डाला। मेरी वोट कोई और दे गया। इलेक्शन अफसर ने बताया कि आपकी वोट पहले ही पड़ चुकी है। सेक्टर 29 बी के अंतर्गत क्षेत्र में भी दो लोगों ने आरोप लगाया कि उनके वोट कोई अन्य डाल गया। चुनाव कार्यालय चंडीगढ़ के मुताबिक दोपहर 3 बजे तक सभी 694 पोलिंग बूथों पर 46.9 फीसद वोटिंग हुई। वहीं, दोपहर एक बजे तक 33.71 प्रतिशत मतदान हुआ था।  शाम 4 बजे तक सभी 694 पोलिंग बूथों पर 46.9 फीसद वोटिंग हुई।

 वोट डालने के लए मतदान केंद्रों पर 5 बजे से पहले लोगों की लाइनें लगी रही। कई जगह तो 5 बजे के बाद भी वोटिंग होती रही। जो लाइन में थे उन्हें अंदर वोटिंग के लिए दाखिल कर लिया गया। वहीं, वार्ड नंबर-23 में मतदान प्रतिशत कम हुआ। हालांकि बाद में सभी मतदान केंद्रों पर लोगों की भीड़ जुटना शुरू हो गई थी।
 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल ने सैक्टर 28 के स्कूल में मतदान किया। गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सैकेंडरी स्कूल सैक्टर-20डी में बने मतदान केंद्र में आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष प्रेम गर्ग ने वोट डाला। पूर्व सांसद सत्यपाल जैन ने भी अपने अपने परिवार के सदस्यों के साथ वोट डाली।

सोशल मीडिया पर सांझी की मतदान के बाद फोटो : वोट डालने के बाद मतदाता सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें भी सांझा करने लगे। कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान की प्रक्रिया जारी रही। मतदान केंद्रों में वीडियोग्राफी भी की जा रही थी, ताकि किसी भी फर्जी वोटिंग का पता लगाया जा सके।

सैक्टर 52 के मतदान केंद्र में सुबह से कतारें : सैक्टर-52 के सरकारी स्कूल में बने मतदान केंद्र में तो लोगों की सुबह से ही लंबी लाइन लग गई। लोग सुबह ही अपने मत का प्रयोग करने के लिए मतदान केंद्र पहुंचने लगे थे। सेक्टर-52 में बने पोलिंग बूथ में पुरुषों के साथ महिला मतदाताओं की भी लंबी लाइन में खड़ी नजर आई।

मॉक पोलिंग हुई सुबह 6.30 बजे : इससे पहले सुबह 6.30 बजे पोलिंग बूथों पर राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों और आजाद उम्मीदवारों के पोलिंग एजेंटों की उपस्थिति में मॉक पोल की गई। यह मॉक पोल ईवीएम मशीन की चेकिंग के लिए की गई ताकि उम्मीदवारों के मन में किसी गड़बड़ी की आशंका न रहे।

35 वार्डों के 203 उममीदवार मैदान में : यहां बता दें कि इस बार 35 वार्डों के लिए 203 उम्मीदवार चुनावी मैदान में है। इससे पहले वीरवार को मतदान ड्यूटी पर लगे कर्मचारियों के हाथों ईवीएम मशीनों को मतदान केंद्रों पर भेजा गया था। वहीं, मतदान के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता प्रबंध किए गए थे। इसके लिए पुलिस विभाग के कुल 3700 जवान पोलिंग बूथों पर तैनात थे। वार्ड 23 में सबसे कम मतदान : वार्ड नंबर-23 में सबसे कम मतदान हुआ। वार्ड में तीन बजे तक 33.27 फीसद लोगों ने ही वोट डाले थे, हालांकि वोट डालने के लिए कई मतदान केंद्रों में देर शाम तक लोगों की लाइनें लगी रही।

वार्ड 31 पर भी लगी सुबह से भीड़

वार्ड-31 के लोग वहां बने पोलिंग बूथ पर सुबह से ही पहुंचना शुरू हो गए थे। यहां मतदाताओं की कतार लगातार लंबी होती गई। सेक्टर के लोग मतदान के लिए बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे थे। पुरुषों के साथ महिलाएं और युवा भी बड़ी संख्या में वोट डालने मतदान केंद्र पहुंचे। वार्ड-10 के सैक्टर-29 में बने पोलिंग बूथ पर भी मतदाताओं की लाइन लग गई। बूथ में कोरोना नियमों के तहत मतदाताओं को खड़े होने के लिए और शारीरिक दूरी के नियमों पालन करने के लिए मार्किंग की गई थी हालांकि कई जगह कोरोना प्रोटोकाल की पूरी धज्जियां उड़ती दिखाई दी। खासतौर से कालोनियों व गांवों में प्रोटोकाल का पालन नहीं किया गया।

कोविड प्रोटॉकाल की जमकर उड़ी धज्जियां

शहर में सुबह सैक्टरों में दो चार लोग ही वोट डालने के लिए आ रहे थे। हालांकि वार्डों में खड़े उम्मीदवार बार बार लोगों को अपने वोट का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे थे। वहीं गांवों व कालोनियों में तो लोगों में अपने मताधिकार के प्रयोग करने की ललक थी। सुबह साढ़े सात बजे से ही वहां लाइनें लग गई। यही कारण था कि सैक्टर 25 के लोगों के लिए पीयू के डेंटल कालेज में बने पोलिंग बूथों में बड़ी संख्या में लोग मतदान करने के लिए जमा थे। पीयू में किसी भी पोलिंग बूथ पर कोविड प्रोटॉकाल का पालन नहीं किया गया। यहां पर लोग एक दूसरे के साथ सटे हुए थे। किसी ने मास्क पहना था तो किसी ने नहीं। गेट पर प्रवेश के दौरान कई जगह थर्मल स्क्रीनिंग तक नहीं थी। न ही यहां मतदाताओं को अपना मोबाइल बाहर रखने को कहा गया। वहीं सैक्टरों में मतदाताओं को मोबाइल फोन अंदर नहीं ले जाने दिये गए। सैक्टर 22,45,46,44,24,23, मे पोलिंग बूथों का दौरा करने पर पाया गया कि जो भी मतदाता वोट करने के लिए मेन गेट से अंदर प्रवेश कर रहा था उसे पहले अपना मोबाइल फोन बाहर छोड़ कर जाने के बाद ही अंदर जाने दिया गया। ऐसे में कु छ महिलाएं जो बिना किसी वाहन से आई थीं वह हैल्पडैस्क वालों के पास फोन छोड़कर मतदान करने गई।

शांतिपूर्ण चला चुनाव

चुनाव के दौरान शहर के सभी 694 बूथों पर शांतिपूर्ण चुनाव चल रहा था। छिटपुट घटनाएं हालांकि सामने आई। पंजाब यूनिवर्सिटी के अंकुर स्कूल के बाहर आप प्रत्याशी चंद्रमुखी शर्मा के समर्थक व कांग्रेस समर्थक आपस में भिड़ गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को संभाला। वार्ड नंबर-10 में फर्जी वोटिंग का मामला सामने आया। मतदाता ने पुलिस को मामले की शिकायत भी दी। आरोप है कि मतदाता के पोलिंग बूथ पर वोट डालने से पहले ही किसी अज्ञात ने उनकी वोट डाल दी थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है। मतदान प्रक्रिया सुबह 7.30 बजे से शुरू हो गई थी जो शाम 5 बजे तक चली। शाम 5 बजे तक पोलिंग बूथ पर पहुंचने वाले मतदाता को ही वोट की अनुमति मिली। 

मलोया की पुनवार्सित कालोनी में उमड़ी भीड़ ने खोली प्रबंधों की पोल

मलोया की पुनर्वासित कालोनी में चुनाव विभाग की ओर से लोगों को सुविधाएं देने के जो दावे किये गए थे वह केवल फाइलों तक सीमित रहे। इस कालोनी में दस हजार के करीब वोटर्स के लिए 8 मतदान केंद्र राजकीय माडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, मलोया में बनाये गए थे। यहां न तो दिव्यांगों को अंदर ले जाने के लिए व्हीलचेयर का प्रबंध था, न ही स्कूल के गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग का प्रबंध था। मास्क का भी कोई प्रबंध नहीं था। यहां पर सुबह से ही वोट डालने के लिए मेला लगा हुआ था। जितनी भीड़ स्कू ल के बाहर थी उससे ज्यादा स्कूल के ग्राउंड में लगी कतारों में बैठकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। भीड़ देखकर लग रहा था जैसे राशन लेने के लिए भीड़ उमड़ी हो। कोई दिव्यांग, परिवार के लोगों के सहारे लडख़ड़ाता हुआ पोलिंग बूथ तक पहुंच रहा था तो कोई लाठी के सहारे आ रहा था। इन लोगों की सुविधा के लिए कोई प्रबंध नहीं था। यही हाल धनास में था जहां भारी संख्या में लोग मतदान करने के लिए उमड़े। कहीं कोई कोविड प्रोटॉकाल का पालन नहीं था।

दर्जनों वोटर्स के वोट कटे, निराश लौटे

कुछ सैक्टरों में मतदान करने के लिए लोग आए तो वहां पहुंचकर पता चला कि चुनाव सूची में उनका वोट ही नहीं था। लोगों ने कहा कि बाहर बैठे राजनीतिक दलों की सूची में उनके नाम का वोट है लेकिन अंदर जाने पर वोट कटा हुआ पाया गया। तैनात चुनाव अधिकारी ने बताया कि वोटों की जांच में जो एक से दूसरे सैक्टर में चला जाता है और जांच में वहां नहीं मिलता तो वोट को काट दिया जाता है। ऐसे सैक्टर 18,19 के साथ दूसरे सैक्टरों में दर्जनों वोटर्स बिना वोट डाले वापस गए।